13 SEP 2017 AT 8:30

मो सम दीन न दीन हित तुम समान रघुबीर .
अस बिचारि रघुबंस मणि हरहु विषम भव भीर ..

कामिहि नारि पियारि जिमि लोभिहि प्रिय जिमि दाम .
तिमि रघुनाथ निरंतर प्रिय लागहु मोहि राम.

💐💐जय श्री राम💐💐

- ©अरविन्द