लक्ष्य ओझल होने न पाये दिल के दृश्य पटल से,
संधान करो बाण का जो कुछ तेरे तरकश में बचें है।
संसार का समरांगन है यहाँ हरदम तैयार रहना होगा,
समय के हर क्षण से स्वयं को सींचना होगा।
जीवन स्वयं लक्ष्य है, अर्पण इस पर सर्वस्व है।
जीवन तो एक मौका है, पर हजारों इसमें धोखा है।
डरो मत धोखेबाजों से, तुमको किसने रोका है?
लक्ष्य को प्राप्त करो बस आखिरी यह मौका है।
लक्ष्य! लक्ष्य!! लक्ष्य !!! लक्ष्य ही अब लक्ष्य है,
- Arun Bhagat
23 JAN 2019 AT 21:34