जिसका दिल टुटा हो तारेकी तरह नही पड़ता फर्क हो अमावस या हो पूर्णिमा हो चाँद अधूरा या हो वो पूरा - खूनी स्याही
जिसका दिल टुटा हो तारेकी तरह नही पड़ता फर्क हो अमावस या हो पूर्णिमा हो चाँद अधूरा या हो वो पूरा
- खूनी स्याही