16 OCT 2017 AT 23:43

ज़ज्बात और अल्फाज़ दोनों बहते दरिया का ही हिस्सा हैं।
जो कलम , किताब और श़ायर से मिले तो शा़यरी बन जाते हैं।।

- MTB_writes...