Archna Singh   (Archana deep singh)
113 Followers · 17 Following

Thinker,
i m not one in a million kind of girl..i m once in a lifetime kind of woman.
Joined 1 April 2018


Thinker,
i m not one in a million kind of girl..i m once in a lifetime kind of woman.
Joined 1 April 2018
14 NOV 2023 AT 18:56

Unko sirf wahi dikhata h jo vo dekhna chahte hai

-


24 OCT 2023 AT 7:24

"When I started to listen,
the echoes of my soul's soft voice,
all else now have become mere noise.
a symphony profound,
a harmony around"

-


14 OCT 2023 AT 18:45

बिखरे हुए ख्वाब
मेरे समेटने चली हूँ,
पलकों पर इन्हें बिछा कर,
नींद के आगोश में,
इन ख्वाबों पर पंख लगा कर ,
फिर से उड़ चलूंगी मैं ।

। अर्चना दीप सिंह ।

-


12 OCT 2023 AT 18:08

जब डॉक्टर ने मेरे मन के दर्द को
अपनी भाषा में कुछ ऐसे तब्दील कर दिया ,
अन्दर के गमों को internal oozing बता दिया,
मेरी कविताओं को भी कुछ अलग ही बता दिया,
बाहर क्या निकली cough reflex ही बता दिया,
यही नहीं टूटे दिल को broken ribs समझा,
दिल तोड़ने वाली बातों को
Blunt force trauma समझा दिया ।
अब मैं जाऊँ कहाँ तो इसलिए मैं अपने दर्द
और कविताओं को यहाँ बाँटने आ गया ।

। अर्चना दीप सिंह ।

-


11 OCT 2023 AT 8:15

I and Dil


I and Dil went up the hill
To fetch a Pail of success
I fell down and broke my dream
And Dil came tumbling after

-


10 OCT 2023 AT 7:46

आज वही तो कल है, जिसे तुमने कल ही
तो कल कहा था और आज
फिर तुम्हें उसे कल कह कर टाल रहे हो।
सच कर लो सब आज ,
क्यों तुम सपनो को सिर्फ यूं ही पाल रहे हो ।
। अर्चना दीप सिंह ।

-


8 OCT 2023 AT 18:16

I will write the script of my story,
I will decide whether it will have sad,
Or
will have happy ending of the story.

-


8 OCT 2023 AT 17:48

ये तुम्हारे लिए दुखों में दवा का इंतजाम करती है।
तुम्हारे सुख में रिश्तेदारो का इंतजाम करती है।
तुम्हारी तन्हाई में भी दोस्तों का इंतजाम करती है।
तुम्हारी तरक्की का रास्ता खोल बहुत से फौलोवर्स का इंतजाम करती है। यहीं नहीं, किसी गरीब बेसहारा की मदद बन कर दुआओं का भी इंतजाम करती है।
ये धन है बाबू, माँ के जैसा ही ध्यान रखती है।
। अर्चना दीप सिंह ।

-


5 OCT 2023 AT 13:07

बेवजह अब बातें करना, छोड़ दिया है,
उम्मीदों की तो बात छोड़ो, बात बात पर
तकरार भी ,मैंने छोड़ दिया है।
रूठना और मनाना भी,
मैंने छोड़ दिया है ।
खुद को झूठी तसल्ली और दिलासा
देना भी छोड़ दिया है।
जीवन तो शांत हो गया,
लेकिन कुछ कर दिखाने का जज्बा,
और पंखो का फड़फड़ाना,
भी मानो छूट गया है ,
कहीं मैंने खुद को तो नहीं खो दिया है ।

।। अर्चना दीप सिंह ।।

-


5 OCT 2023 AT 12:59

जिसे अंगूठी की तरह पहनूं मैं,
कभी उसे श्रंगार बनाऊं ,
और कभी पंख लगा उड़ जाऊं मैं ।


॥ अर्चना दीप सिंह ॥

-


Fetching Archna Singh Quotes