आँखों के सूनेपन को,
अश्कों से भर लेती हूँ..
ख़ामोश लबों पर,
मुस्कुराहट सजा लेती हूँ..
दर्द जब हद से गुज़र जाता है,
दर्द जब दिल में उतर जाता है..
अश्क आँखों से,
बिछड़ने को होते है,
लब..लब से सिमट जाता है..
लबों पर मुस्कुराहट सजा कर,
पलकों को गिरा देती हूँ,
मैं खुद को भुला देती हूँ..
-aRCHANA
- ©aRCHANA