कभी किसी जन्म मे ठुकराया गया होगा मेरे द्वारा किसी निश्छल व्यक्ति का प्रेम • उसके अश्रु की धारा से जो आह निकली होगी, उससे श्राप का जन्म हुआ होगा
और उसी के श्राप से मै हर जन्म के लिए श्रापित हो गया !--"भोगना ही मेरी नियति है"!--
किस मुंह से इल्जाम लगाए बारिश की बौछारों पर,
हमने खुद की तस्वीर बनाई मिट्टी की दीवारों पर!!
✨♥️🥀-
मैंने अपने पिता से सीखा है उस जगह हमेंशा चुप रहना ,
जहां दो कौड़ी के लोग अपनी हैसियत के गुण गाते हैं ...
😇😎-
तुम्हें भूलने का सामर्थ्य नहीं मुझमें
ना ही पाने का भाग्य लेकर जन्मा हूँ मैं
🙂🖤🥀-
कुछ तो राज छुपाए जाते हैं मोहब्बत में
यूं ही कोई तीसरा अचानक से नहीं आता
🙂🥀-
खूबसूरत है दुनिया के,
तमाम वो हृदय
जो आज भी संवेदनाओं को
अपने हृदय में बचाकर रखें है
-
कितना अपनापन महसूस होता है जब कोई
हमारे हाथों को अपने हाथों में लेकर ये पूछता है कि
"तुम ठीक हो ? "
और हम चाह कर भी झूठ नहीं बोल पाते
मानो हमारी सारी खुशी इसी में बसी हो।
मैं भी चाहता हूँ कि कोई मेरा हाल पूछे.
मेरी हँसी के पीछे की उदासियाँ
मेरी हथेलियों के तापमान से भाँप जाए.
मैं चाहता हूँ कि अब भी तुम पूछो मुझे उसी हक़ से
जिस हक़ से पहले पूछा करते थे कि
मैं तुम बिन कैसा हूँ .
क्यूंकि ये पूछने का हक़ मैंने सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हें दिया है ...
-