चुनाव रैलि में पहुँचा करोना गिर गया चक्कर खाए ,
किसको पकड़ें किसको जकड़े कोई समझ न आए !
जोगिरा सारा रा रा रा !
ना कोई सोशल डिस्टेंसिंग और ना कोई मास्क लगाए!
इतनी भीड़ में आकर तो कोरोना भी पछताए !
जोगिरा सारा रा रा रा !
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Anshuman Kuthiala
(शहर में शायर)
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अंशुमन के लिये क्या कहें ?
बन्दा बड़ा ही बेतरतीब है !
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बन्दा बड़ा ही बेतरतीब है !
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Joined 22 May 2017
14 APR AT 4:05
29 MAR AT 17:12
तुम्हारे जाने के बाद मैं ठीक ही हूँ ,
पर ख़राब होने के नजदीक भी हूँ !-
29 MAR AT 12:20
पिछले बरस लुटा था सुख-संसार होली में ,
सो इस बरस ना करेंगे हम प्यार होली में !
तेरे तन से हों लिपटे भीगे कपड़े हों जैसे ,
मेरे मन में उठते हैं ऐसे ही विचार होली में !-
21 MAR AT 16:16
मैं ऐसी कविता न लिख दूँ कहीं जिसमें पलने लगो तुम ,
और मैं जब उसको सुनाऊँ तो जलने लगो तुम !-
12 FEB AT 19:57
तुम मुस्कुराते हो तो लगता है ऐसे ,
बागों में फूल अभी खिले हों जैसे !-
3 FEB AT 20:21
प्यार वो नैय्या है,जिसका न खेवैया है ,
इसको तो डुबोना है जग का रवैया है !
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2 FEB AT 13:33
जितना उसे मैं पसन्द हूँ , उतनी वो मुझे प्यारी है , इतनी कहानी हमारी है !
इक दूजे को चाहने के सिवा और नहीं कुछ किया,इस चाहत में उम्र गुजारी है !-
30 JAN AT 20:45
जो चीथड़ों में लिपट गए खादी के लिये ,
है नमन उनको आज आज़ादी के लिये !-