तो जब भी तुम प्यार करना अपना पराया मत देखना , देखना दिल , देखना विश्वास , देखना तुम्हारे लिये उसका समर्पण और ऐसे ही दुनिया को भर देना प्यार से इतने प्यार से कि नफरत एक इंच भी ना बचे , रत्ती भर भी नहीं।
बचाना होता तो वो बचा लेता अपने प्राणों से प्रिय अभिमन्यू को भी, और द्रौपदी के पाँच पुत्रों को भी, मगर जीना मरना उसके हाथ में नहीं सब विधि के हाथ में है और विधि के विधान को कोई पलट सका है क्या ?
जब तक सच को स्वीकार ना किया जाये झूठ बोलना आसान होता है , पहले तो सच को स्वीकारना मुश्किल और फिर जब स्वीकार कर लो तो कहना मुश्किल! क्या जरुरी है! जिससे प्रेम किया जाये उसे पाया भी जाये??
Tragedy with me is person who understand me better , person who handles my tantrums , person who understand my mood ....person who made me understand about what should be or what should not be...are often much elder to my age .....and vice versa...