जो जैसा चल रहा है वैसा चलने दो
सुबह सूरज फिर आएगा अभी उसे ढलने दो
जो जा रहा है छोड़ के उसको जाने दो
आज जा रहा है कल याद खुद करेगा
अभी उसे निकाल जाने दो
खयालों में अंधेरा छाया हैं
खुद बा खुद छठ जाएगा
बस उम्मीद की किरण तो निकालने दो

- The ObsidianÂk