17 MAY 2018 AT 10:29

मिट्टी

वो मुलाज़िम ही थे वो मज़दूर ही थे जिन्होंने ईमारतें बढ़ाई थी।
वो मिट्टी ही थी वो हाथ ही थे जिन्होंने मस्जि़त बनाई थी मन्दिर सजाये थे।

- Ankit Singh