मिट्टीवो मुलाज़िम ही थे वो मज़दूर ही थे जिन्होंने ईमारतें बढ़ाई थी।वो मिट्टी ही थी वो हाथ ही थे जिन्होंने मस्जि़त बनाई थी मन्दिर सजाये थे। - Ankit Singh
मिट्टीवो मुलाज़िम ही थे वो मज़दूर ही थे जिन्होंने ईमारतें बढ़ाई थी।वो मिट्टी ही थी वो हाथ ही थे जिन्होंने मस्जि़त बनाई थी मन्दिर सजाये थे।
- Ankit Singh