13 JUN 2017 AT 22:54

पल भर का मिलन भी दिल को सुकून दे गया,
फिर जी लेने की एक आस को जुनून दे गया,
आसां नहीं है न था इन तन्हायिओं का साथ,
आँखे छलक आती हैं तेरी हर बात करके याद,
जब आती है कोई भी खबर तेरे युद्धक्षेत्र से,
तब-तब दिल सहम जाता अनहोनी के डर से,
ऐसे कट रहा है हर पल मेरा जैसे कि साल हो,
आ जाओ लौट के मेरे पास तो जीना निहाल हो|



- ©अंजुमन