लिखूं तुम्हें या खुद को मैं लिखूं ,शायद मैं तुमको फिर कुछ और कह सकूं। -
लिखूं तुम्हें या खुद को मैं लिखूं ,शायद मैं तुमको फिर कुछ और कह सकूं।
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मेरे उन सवालों का, जो तुमने सुना ही नही। -
मेरे उन सवालों का, जो तुमने सुना ही नही।
भोली तेरी महिमा , भोला तेरा प्रेमभोले तेरे रंग में रंग के, हो गई मैं रंगरेज। -
भोली तेरी महिमा , भोला तेरा प्रेमभोले तेरे रंग में रंग के, हो गई मैं रंगरेज।
मैं खुद भी नहीं जानती,ये अच्छा है या बुरा है मैं ये भी नहीं पहचानती -
मैं खुद भी नहीं जानती,ये अच्छा है या बुरा है मैं ये भी नहीं पहचानती
ना ही मुझे रुकना है,मैं पहुंच जाऊं ऊंचाइयों परबस इतना मुझे करना है। -
ना ही मुझे रुकना है,मैं पहुंच जाऊं ऊंचाइयों परबस इतना मुझे करना है।
जो भी करो, एक बार करो।बदलो ना मुझको तुम अपनी शर्तो पर,भले ही मुझसे तुम इनकार करो। -
जो भी करो, एक बार करो।बदलो ना मुझको तुम अपनी शर्तो पर,भले ही मुझसे तुम इनकार करो।
मै उसके लिए अपनी आदतें बदल लूंगी,वो मेरे लिए अपना लहज़ा तो बदले।मै उसके लिए खुद को तन्हा कर लूंगीवो खुद के लिए मेरी तवज्जो तो समझे। -
मै उसके लिए अपनी आदतें बदल लूंगी,वो मेरे लिए अपना लहज़ा तो बदले।मै उसके लिए खुद को तन्हा कर लूंगीवो खुद के लिए मेरी तवज्जो तो समझे।
आज के ज़माने में मांगने की रिवायत है,अगर बिना मांगे मिल जाए तो,किसी की दुआ कुबूल हुई है तुम्हारे खातिर। -
आज के ज़माने में मांगने की रिवायत है,अगर बिना मांगे मिल जाए तो,किसी की दुआ कुबूल हुई है तुम्हारे खातिर।
अरसा सा हो गया था, कुछ लिखा नहीं गया मुझसे,फिर आंखे मुस्कुराई , लब्ज़ बेशुमार हो गए। -
अरसा सा हो गया था, कुछ लिखा नहीं गया मुझसे,फिर आंखे मुस्कुराई , लब्ज़ बेशुमार हो गए।
साथ नही मांग रही , ना ही कोई हिस्सा।यू ही अगर कभी ठहर जाओ तो ,साथ हो मेरा भी उसमे कुछ पल का। -
साथ नही मांग रही , ना ही कोई हिस्सा।यू ही अगर कभी ठहर जाओ तो ,साथ हो मेरा भी उसमे कुछ पल का।