आमों में खिल आये बौर,कोयल गाती गाना।
मुझको भी अच्छा लगता है, ऋतु बसंत का आना।
खेतों में मुस्काती सरसों, कितना सुंदर पीला रंग।
रंग बिरंगे फूल खिले हैं, पत्तों का भी निखरा रंग।
दूर खड़ा मुस्काता सेमल, साथ निभाता टेसू लाल।
भौंरे तितली झूम रहे हैं, अलसी ने भी किया कमाल।
हरी भरी ये धरती माता,मौसम लगता प्यारा।
छोड़ रजाई हम खेलेंगे,अब ठंड भी हमसे हारा।
अगर ना खिलते फूल यहाँ,कोयल ना गाती गाना।
जान नहीं पाते हम बच्चे, ऋतु बसंत का आना।
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