anirudh shrivastav   (Asar)
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Joined 17 December 2017


Joined 17 December 2017
1 OCT 2018 AT 23:32

मेरे एहसासोँ कि गर्मी झेल सके ,
तेरे दिल की दरो-दिवार में इतनी कुव्वत नहीं...

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6 JUN 2018 AT 0:11

जो माँगने चले थे इजाजत -ए- इश्क उनसे,
तो पता चला कि ये खेल ही बेअदबी का है...

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24 MAR 2018 AT 9:14

देखता हूँ जब मुड़कर तो सब वीयां~वीरान नजर आता हैं,
कुछ नही नजर आता बस इक तेरा चेहरा नजर आता हैं.....

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17 JAN 2018 AT 19:27

"ये चेहरे जो यूँ जो चमकतें है,
क्या कल भी यूँ ही चमकेगा..."

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17 DEC 2017 AT 19:20

" झूठ का व्यापार यहां चलता है कुछ इस कदर ..
कि झूठ ही बेंचते है लोग झूठ बोल कर .."

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