अनीतांश अरुण   (काव्यकीर्ति)
226 Followers · 130 Following

read more
Joined 26 September 2017


read more
Joined 26 September 2017

मैं हो जाऊं
तुम्हारे पैरों की
जन्नत सी जमीं,
तुम हो जाना
मेरे अरमानों
का आसमां।

-



हम कई बार
होते किसी बच्चे से,
बच्चे सा व्यवहार
करते नजर आते हैं,
जैसे–जैसे सुरक्षित
महसूस कराता कोई हमें
वैसे ही हम
सहज होते चले जाते हैं,
फिर एक दिन
उनकी हथेलियों में
रख देते हम अपनी दुनिया,
ऐसे ही देखते–देखते
हम किसी और के हो जाते हैं।

-



भावों के स्पर्श को
शब्दों से महसूस करना
और कराना
अगर कही जा सके
‘ आराधना ’
तो जरा मुझे भी बताना,
क्योंकि अभी बाकी है
मेरा मेरी ‘ आराध्या ’
को यह बताना,
कि अगर जो न आती
वो मेरे जीवन में
तो कैसे संभव होता
मेरा इतनी गहराई से
कुछ भी लिख पाना।

-



हाँ, तुम्हारे मेरे
हाथों में सब कुछ नहीं है,
पर इसका मतलब
यह तो नहीं है ना
हमारे हाथों में
कुछ भी नहीं है,
जितना कुछ है
उसमें पर्याप्त है
दिल से साथ होना हमारा
क्योंकि साथ होने
के एहसास हैं
तो यकीन मानो
इन एहसासों में
सब कुछ यहीं है।

-



Having you in my life,
an amiable matter;
your meeting me
made me complete,
as a pen felt
after meeting a paper.

-



ढलता सूरज
दे गया अपने रंग
सादे से रूईनुमा
सफेद बादलों को,
रंग मिलने से
छवि बदली–बदली
सी नजर आई,
मानने वालों ने माना
कबूल हुई उनकी दुआ,
पर दुआओं की पूर्ति में
जाती हुई जान
किसी को नजर न आई।

-



कल्पनाओं को मिली
जब तुम से आकृति,
कुदरत की यह कृति
उत्कृष्ट नजर आई,
करोड़ों दीवाने हुए
जिस कलाकारी के,
उस कला की प्रेरणा
मुझे ‘ तुम ’ नजर आई।

-



बहुत सी बातें
बाकी हैं, जो करनी है तुमसे,
बातें जो तुमसे
कभी न कर पाऊँगा,
हां, पर यह भी
तो सच है
किए बिना
रह भी नहीं पाऊँगा,
इन बातों को करने
और न कर पाने की कशमकश में
इतना तो तय है
कि कुछ कविताएँ लिख जाऊँगा,
इन्हें सुनने, समझने
तुम आती रहना,
सीधे–सीधे
कुछ न भी कहूं तुमसे,
मेरी तमाम बातों को पढ़कर
सुर में सुर मिलाती रहना।


-



मैंने कहीं से सीखा है
नए रंगों से मिलना,
हाँ, जब आसपास
नहीं थे मेरे ये रंग,
तब मैंने किसी के
कहने पर
आसमां की ओर देखा।

-



टूटना एक प्रक्रिया है
मैं इस प्रक्रिया में हूँ,
कहते हैं ना
हर टूटी हुई चीज
खूबसूरत होती है
मैं भी टूट रहा हूँ
फिर से बनूंगा,
क्योंकि शिव
पहले तोड़ते हैं
फिर संवारते हैं।

-


Fetching अनीतांश अरुण Quotes