वो भी क्या दिन थे….
तुम्हारे बिगाड़े हुए
और
तुम्हीं से बने हुए !
वो भी क्या दिन थे।
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Anand Kanaujiya
(अनुनादित आनन्द)
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Writer, cook, blogger, and photographer...... yesssss okkkkkk I am an Engineer too :)👨🎓
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Joined 7 January 2019
29 JUN AT 10:23
7 MAY AT 7:46
आज के दौर में, नहीं, किसी भी दौर में सत्य से बड़ा humour दूसरा कुछ भी नहीं है ।
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28 APR AT 9:04
मैंने नशे करके भी देख लिये ऐ दिलरुबा,
ये कदम लड़खड़ाए तो बस तेरे नाम पर ।-
28 APR AT 8:58
ग़र चाहते हो आनन्द मंज़िल पर पहुँचना,
मंज़िल से ज़्यादा रास्तों का ध्यान रखना।
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5 MAR 2023 AT 0:35
सड़क सी है ये ज़िंदगी अपनी
न जाने कितनों से वास्ता आज तक !
गुजरती भीड़ हज़ारों की मगर
सड़क फिर भी तनहा है आज तक !-
10 DEC 2022 AT 10:42
तुझे हमसफ़र बना सकूँ इसलिए ताउम्र सफ़र में रहा,
मैं अपने शहर में भी देखो एक मुसाफ़िर की तरह रहा।
©️®️मुसाफ़िर/अनुनाद/आनन्द/०९.१२.२०२२-
20 NOV 2022 AT 23:53
बड़ा मुश्किल है तुझको
छोड़कर मुझे जाना...
उसके लिए जरूरी है
हाथों में हाथों का होना।-
20 NOV 2022 AT 23:50
बड़ा मुश्किल है इच्छाओं को
गलत सही के चक्कर में दबाना...
जलराशि खतरे से ज्यादा हो तो
लाजमी है बाँध का ढह जाना।
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