सड़क सी है ये ज़िंदगी अपनी न जाने कितनों से वास्ता आज तक !गुजरती भीड़ हज़ारों की मगर सड़क फिर भी तनहा है आज तक ! -
सड़क सी है ये ज़िंदगी अपनी न जाने कितनों से वास्ता आज तक !गुजरती भीड़ हज़ारों की मगर सड़क फिर भी तनहा है आज तक !
-
तुझे हमसफ़र बना सकूँ इसलिए ताउम्र सफ़र में रहा,मैं अपने शहर में भी देखो एक मुसाफ़िर की तरह रहा।©️®️मुसाफ़िर/अनुनाद/आनन्द/०९.१२.२०२२ -
तुझे हमसफ़र बना सकूँ इसलिए ताउम्र सफ़र में रहा,मैं अपने शहर में भी देखो एक मुसाफ़िर की तरह रहा।©️®️मुसाफ़िर/अनुनाद/आनन्द/०९.१२.२०२२
इसलिए बस लिखे जा रहे हैं! -
इसलिए बस लिखे जा रहे हैं!
भटका हुवा ही तो हूँ तेरे साथ जो नहीं हूँ! -
भटका हुवा ही तो हूँ तेरे साथ जो नहीं हूँ!
बड़ा मुश्किल है तुझको छोड़कर मुझे जाना...उसके लिए जरूरी है हाथों में हाथों का होना। -
बड़ा मुश्किल है तुझको छोड़कर मुझे जाना...उसके लिए जरूरी है हाथों में हाथों का होना।
बड़ा मुश्किल है इच्छाओं कोगलत सही के चक्कर में दबाना...जलराशि खतरे से ज्यादा हो तोलाजमी है बाँध का ढह जाना। -
बड़ा मुश्किल है इच्छाओं कोगलत सही के चक्कर में दबाना...जलराशि खतरे से ज्यादा हो तोलाजमी है बाँध का ढह जाना।
वो दायरा जिससे बाहर रहकर लोग तुमसे बात करते हैं मैं वो दायरा तोड़ना चाहता हूँ मैं तेरे इतना क़रीब आना चाहता हूँ। -
वो दायरा जिससे बाहर रहकर लोग तुमसे बात करते हैं मैं वो दायरा तोड़ना चाहता हूँ मैं तेरे इतना क़रीब आना चाहता हूँ।
दिल में घाव अब बहुत सारे हो गए हैंमेरे हक़ीम से अब तो खंजर छीन लिया जाए! -
दिल में घाव अब बहुत सारे हो गए हैंमेरे हक़ीम से अब तो खंजर छीन लिया जाए!
माना कि तुझको पा लिया है हमने मगर,महफ़िल में तुझे ढूढने की आदत नहीं गई। -
माना कि तुझको पा लिया है हमने मगर,महफ़िल में तुझे ढूढने की आदत नहीं गई।
काश….. बच्चों सी ज़िद मैं कर पातातुझको जाता देखता तो लिपट जाता! -
काश….. बच्चों सी ज़िद मैं कर पातातुझको जाता देखता तो लिपट जाता!