" सच होने की खातिर जो, सपने कीमत मांगेंगे ,
जाग के रातें कीमत भर देना..
जब नजदीक से देखे तो, खुशियों के असू आए,
तू नज़रों को वह मंज़र देना..."
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3 JAN 2020 AT 22:11
" सच होने की खातिर जो, सपने कीमत मांगेंगे ,
जाग के रातें कीमत भर देना..
जब नजदीक से देखे तो, खुशियों के असू आए,
तू नज़रों को वह मंज़र देना..."
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