नारी की झांई पड़त , अंधा होत भुजंग ।कह कबीर तिन की गति, जो नित नारी के संग...! - Alok...
नारी की झांई पड़त , अंधा होत भुजंग ।कह कबीर तिन की गति, जो नित नारी के संग...!
- Alok...