Of me, my birthday and my uselessness
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Akanksha Soni
(AS)
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Determined
Joined 23 April 2018
8 FEB 2024 AT 2:21
अब भी नाम है तुम्हारा,
पर पढ़ पाएगा कोई नहीं
नज्मों में ऐसे छिपा है।-
2 FEB 2023 AT 4:41
मै पथिक बन जाओ तुम पाथेय ही!
ध्यान से ज्यादा.. ज़रुरत ध्येय की
नाचती राधा, मगन मीरा हूँ मैं
जाओ बन तुम श्याम भी, राधेय भी।-
6 JAN 2023 AT 19:40
तेरी
हमें मिले तो
हर वो गम,
जो खातिर मेरे,
दुआ
तेरी ज़ुबाँ से पढ़वा सके।-
6 JAN 2023 AT 19:27
कहानी का आखिरी हिस्सा कुछ इस तरह
बुनने चले आना
किस्सा सुनाएंगे बीती घड़ियों का तुम्हें तुम
सुनने चले आना
किसकी ख़ता ज्यादा है किसकी कम,
हम में, हमारी मोहब्बत में,
मुज़रिम
चुनने चले आना।-
1 DEC 2022 AT 10:46
उनका नाम आस्माँ पर लिख दे और हमको
उनके नाम के इश्क़ में
बदनाम कर दे-