दिल भरा भरा सा है
ज़ख़्म अभी हरा हरा सा है
पलकों के साये में
ख्वाबों की जगह नहीं अब कोई
लम्हा मेरा डरा डरा सा है !!!-
Words flow in my blood
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क्यूँ कुछ खोयी सी हूँ मैं
क्यूँ अश्कों में सवाल सा है
ये दिल तो भरा था तूफ़ानों से
क्यूँ डर भी साथ बेहाल सा है
इश्क़ की तरकीबों में
ग़लत साबित क्यूँ हूँ मैं
अपनी ही मोहब्बत को पा ना सकूँगी
ये ग़म हर पल और मेरी तक़दीर पर मलाल सा है !!!-
मैं सँवरती हूँ तुम्हारे लिए
तुम्हारी आँखों के लफ़्ज़
मेरी सुंदरता बयां जो करते है !!!-
मैंने मोहब्बत में कोई ख्वाहिश नहीं की जाना
बस मेरी साँसों को तुम्हारा एतबार चाहिए !!!-
यूँ बार बार अकेला छोड़कर जाना ज़रूरी है क्या
इन तनहाइयों को सताना ज़रूरी है क्या
ये रातें अँधेरे में सिसकती है तुम्हारा नाम लेकर
जाना…
आ जाओ ना
दूर जाना ज़रूरी है क्या !!!
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मैं दानिस्ता बदलने लगी हूँ
जाना सुनो…
इस शहर की हवा में तुम्हारी ख़ुशबू नहीं है !!!-
बेचैनियाँ बातें करने लगी है मुझसे
इन बेताबियों की वजह क्या है
क्यूँ सुकून ठहरा हुआ है
क्यूँ तन्हा तन्हा हर लम्हा है
मेरी साँसों को ख़लिश है तुझसे
क्यूँ मुश्किलों में ये वक़्त बित रहा है
ख़ैरियत जो मालूम हो तो बिता दूँ कई दिन बिन तुम्हारे
ना जाने किस कश्मकश से पल भरा है
कुछ कह दो
कुछ तो इशारे दो की सब कुछ ठीक है वहाँ
जाना इन धड़कनों को आराम दो
या इन साँसों को हमेशा के लिए थाम दो !!!
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चाँद से सवाल
मेरा चाँद ही दूर है फ़िलहाल
महरूम इश्क़ आब को तरसता है
लरजते लफ़्ज़ों से शिकायते बहुत है सवाल !!!-
इंतज़ार की धड़क
कहीं बेचैन दिल को है
आँखों में बरसती ये चमक
चाँद की महफ़िल को है
दिन बस ज़माने से हो गए
प्यार की तड़प
इश्क़ में चमकते जुगनू को है !!!
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तेरी धड़कनों का असर हूँ मैं
तेरी साँसों का शहर हूँ मैं
दूरियों में तड़प उठती है पल पल
तेरी दीवानगी की मंज़िल हूँ मैं !!!-