कल अगर लाना है तो, आज पसीना बहाना होगा
गर्मी हो या जाड़ा बदन अपना तपाना होगा
रुठ जाओ उनसे , जो आज तुम्हें रोकते हैं
कल वो वक्त होगा, जब उन्हें तुम्हें मनाना होगा।
जिन्हें बोलने की सहुलियत नहीं वो भी सलाह देते हैं
तुम राख हो वो हस के उड़ा देते हैं ,
कल अगर जीना है तो आज खुद को जगाना होगा
बारिश हो या पतझड़ तुम्हें खुद को उगाना होगा।
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