अभिषेक कुमार यादव   (अभिषेक)
1.7k Followers · 46 Following

read more
Joined 28 December 2018


read more
Joined 28 December 2018

ज़रूरी तो नहीं हर ख़्वाब पूरा ही हो,
कुछ ख्वाब अधूरे ही बेहतर है

-



आज भी हमें खामोश रहना पसंद हैं
क्या पता, कब, किसे, हमसे बैर हो जाए

-



अपनो की आदत सी लग गई हैं मुझे
अपनो के होते हुए भी,
अपनो की कमी खटकती हैं मुझे

-



मैं जब भी कुछ लिखना चाहता हूँ
ना जाने खुद-ब-खुद तुम्हारा ख्याल क्यों आ जाता हैं

-



गुजर न जाए ये साल तुम्हारी इंतजार में कही
एक दफा साथ आकर मुश्कुराओ तो सही— % &

-



उनका कहना हैं
हम उन्हें याद नहीं करते

अब उन्हें आख़िर कैसे कहें
उनके अलावा किसी से हम बात नहीं करते— % &

-



यूं ही बदनाम नहीं हुआ इश्क़ हमारा,
हमने एक दूजे को ज़रूरत से ज्यादा जो चाहा था ।— % &

-



आओ बच्चों तुमहें ऑनलाइन क्लास की कथा सुनाते है
जहाँ शिक्षक गण हमें बहुत चाव से पढ़ाते है

थक जाते है शिक्षक जहाँ "am I audible ? " कहकर
और यहाँ बच्चें पता नहीं क्यों कुछ न कह पाते है

आगे पीछे का भले कुछ ज्ञान नहीं
फिर भी क्लास ज्वाइन कर सो जाते हैं

किसी प्रश्न का भले ही जवाब ना आता हो
अंत में नेटवर्क ना होने का गुणगान गाते है

आता है एक बेला जब ये भी उत्साहित होते है
और अत: बड़े चाव से सब हाज़िरी लगवाते है

कुछ इन महान नौटंकियों के लिए
हमसे लाखों में फीस भरवाते है

होकर परेशान इस गतिविधियों से
कॉलेज जल्द खुले, बस यहीं मनाते हैं

-



ज़िन्दगी की इस गुल्लक में
बेसुमार खनकती यादें है

हर सिक्कों पर लिखी है फ़साना मेरी
और फ़सानों में बस तुम्हारी यादें है

-



मानो ये आकाश भी शामिल हो गई हैं आज जश्न में
जिधर भी देखो, जश्न-ए-इत्र फैलते ही जा रहा है ।

-


Fetching अभिषेक कुमार यादव Quotes