तुम्हें बताना है किस तरह से तुम्हारे अंदर हूं मैं
तुम एक ग्लास पानी हो और उसमे डूबा हुआ अश्क हूं मैं
तुम जब बेख्याल हो जाते हो तो लगता है
एक ज़िंदा लाश हूं और घर मे नहीं शमशान में हूं मैं
मुझें नींद आती नहीं है रातों में क्या करूं मैं
दबाओं से काम नहीं चलता है तुम्हारे सुलाने के इंतज़ार में हूं मैं
तुम चाहें जिस तरह से रखो मुझें अब ये तुम पे है
तुम मेरे मालिक हो और तुम्हारा दास हूं मैं
ये होंठ,येआँखें,ये जुल्फ़ ,ये चेहरा ये रूह और ये सारा बदन है न तुम्हारा
मेरी जान यही हूं मैं,यही हूं मैं,यही हूं मैं,यही हूं मैं
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