एक एहसास होता है
जब दिल मुस्कुराने लगता है
हाथों में एक छुअन ठहर जाती है
आँखों में एक तस्वीर बनी रहती है
न होकर भी तुम्हें नज़र आता है
वो शख़्स
तुम्हें जिससे मोहब्बत है।
वो शख़्स जब क़रीब हो
तो तुम्हें ज़िंदगी का एहसास रहता है
उससे दूरी अधूरेपन से वाक़िफ़ कराती है
भीड़ में अकेले, बहस में ख़ामोश
बस एक चहरे, आवाज़ का ही इंतज़ार
जानते हुए कि तुम्हारी मोहब्बत में
कितने मसले रहे हैं
तुम्हें इस शख़्स में मंज़िल नज़र आती है
ये जानते हुए भी कि रास्ता आसान तो नहीं
तुम नंगे पाँव ही मदहोश निकल पड़ते हो।
ये सब किताबी मायने, क़ायदे
कोरे पन्नों पर रखे शब्द ही तो हैं
जिन्हें झुठला कर, फुसला कर
उल्फ़त को आफ़त की तश्बीह देकर
तुम्हें पागल कहा जाता है
पर तुम तो शादमाँ राही हो
मुक़ाबिल हर एहसास से
इन शब्दों के, इन लफ़्ज़ों के
नक़्श उभर कर यूं आते हैं कि
बनती कुछ ऐसी एक तस्वीर सी है
और तुम्हें नज़र में आता है
वो शख़्स
तुम्हें जिससे मोहब्बत है ।
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यूँ तो न होगा कि मैं शिकस्त होकर टूट जाऊँ
कोशिशें नाकाम भी होंगी
ख़्वाब धुँधलाएँगे भी
छिले हुए मन से खून भी बहेगा, मगर
ज़िंदा हूँ तो वक़्त करवट भी लेगा,
सुलगती आज़माइश तपती रहेगी
मेहनत-कश कदम जबल को लाघेंगे भी
मैं मुसकुराऊँगा भी….
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यूँ तो बहुत से क़िस्से याद हैं मुझे तेरे
मगर सबसे ख़ूबसूरत वही जो ख़्वाब ही रहे।-
पूरे शहर को मालूम है कि इस दिल की रज़ा क्या है
और वो पूछते हैं कि इस बेचैनी की वजह क्या है….-
रातें गुज़रीं जगते हुए एक ज़माने तलक
नींद आती आँखों को मिलती जो तेरी झलक
एक ज़िक्र तेरा जो बस दिल में ही रहा
लब पे आता तो चीख उठते ज़मीन और फ़लक।-
नए ख़त सा मैं, पुराने गुलाब सी तुम
मेरे ही भीतर कहीं शादाब सी तुम-
वक़्त मिलता नहीं अब कि कुछ लिख दूँ कहीं पर
वक़्त गुज़र जाता है अब यूँ ही तुम्हें पढ़ते पढ़ते ।-
She came close to me, so close that I could feel her breathing, our lips met and I lost something. I lost myself. That was the moment I realized that this love is going to keep us together....forever.
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हर एक भला ये कहता है कि तुम मेरे भीतर बस्ते हो
ग़ौरतलब होता मेरे दिल को भी जो जी जाते….-