Abhishek Jain   (Abhi)
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Devil and Evil are the two names of the same person and it's upto you how you call it.
Joined 16 November 2016


Devil and Evil are the two names of the same person and it's upto you how you call it.
Joined 16 November 2016
26 JUN 2023 AT 0:18

एक एहसास होता है
जब दिल मुस्कुराने लगता है
हाथों में एक छुअन ठहर जाती है
आँखों में एक तस्वीर बनी रहती है
न होकर भी तुम्हें नज़र आता है
वो शख़्स
तुम्हें जिससे मोहब्बत है।

वो शख़्स जब क़रीब हो
तो तुम्हें ज़िंदगी का एहसास रहता है
उससे दूरी अधूरेपन से वाक़िफ़ कराती है
भीड़ में अकेले, बहस में ख़ामोश
बस एक चहरे, आवाज़ का ही इंतज़ार
जानते हुए कि तुम्हारी मोहब्बत में
कितने मसले रहे हैं
तुम्हें इस शख़्स में मंज़िल नज़र आती है
ये जानते हुए भी कि रास्ता आसान तो नहीं
तुम नंगे पाँव ही मदहोश निकल पड़ते हो।

ये सब किताबी मायने, क़ायदे
कोरे पन्नों पर रखे शब्द ही तो हैं
जिन्हें झुठला कर, फुसला कर
उल्फ़त को आफ़त की तश्बीह देकर
तुम्हें पागल कहा जाता है
पर तुम तो शादमाँ राही हो
मुक़ाबिल हर एहसास से
इन शब्दों के, इन लफ़्ज़ों के
नक़्श उभर कर यूं आते हैं कि
बनती कुछ ऐसी एक तस्वीर सी है
और तुम्हें नज़र में आता है
वो शख़्स
तुम्हें जिससे मोहब्बत है ।

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2 MAY 2023 AT 23:23

यूँ तो न होगा कि मैं शिकस्त होकर टूट जाऊँ
कोशिशें नाकाम भी होंगी
ख़्वाब धुँधलाएँगे भी
छिले हुए मन से खून भी बहेगा, मगर
ज़िंदा हूँ तो वक़्त करवट भी लेगा,
सुलगती आज़माइश तपती रहेगी
मेहनत-कश कदम जबल को लाघेंगे भी
मैं मुसकुराऊँगा भी….

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15 MAR 2023 AT 1:31

यूँ तो बहुत से क़िस्से याद हैं मुझे तेरे
मगर सबसे ख़ूबसूरत वही जो ख़्वाब ही रहे।

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15 JAN 2023 AT 4:41

पूरे शहर को मालूम है कि इस दिल की रज़ा क्या है
और वो पूछते हैं कि इस बेचैनी की वजह क्या है….

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23 JUN 2022 AT 22:35

रातें गुज़रीं जगते हुए एक ज़माने तलक
नींद आती आँखों को मिलती जो तेरी झलक
एक ज़िक्र तेरा जो बस दिल में ही रहा
लब पे आता तो चीख उठते ज़मीन और फ़लक।

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1 FEB 2022 AT 22:51

नए ख़त सा मैं, पुराने गुलाब सी तुम
मेरे ही भीतर कहीं शादाब सी तुम

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31 JAN 2022 AT 17:58

वक़्त मिलता नहीं अब कि कुछ लिख दूँ कहीं पर
वक़्त गुज़र जाता है अब यूँ ही तुम्हें पढ़ते पढ़ते ।

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16 DEC 2021 AT 20:49

हर एक भला ये कहता है कि तुम मेरे भीतर बस्ते हो
ग़ौरतलब होता मेरे दिल को भी जो जी जाते….

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6 NOV 2021 AT 23:51

कितना सुकूँ होगा उस पल में
जब तू मेरी इन बाँहों में होगी।

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26 SEP 2021 AT 23:32

उदासी जलती रही रात भर मोमबत्ती की तरह
मैं तेरी सूरत आँखों में मींचकर सोता गया।

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