abhay gupta   (Abhay@dil_ki_baatein)
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Joined 8 June 2018


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Joined 8 June 2018
16 OCT 2021 AT 11:40

जब भी तेरी महफ़िल में,
रंग प्यार का छाया होगा,
तेरी सहेलियों ने यक़ीनन,
मेरा नाम लेकर तुझे छेड़ा होगा……
वो बसंत ऋतु में जब,
खेतों में सरसों लहराया होगा,
उन पर उड़ते कीटों ने तुझको,
एक नाम याद दिलाया होगा,
मेरी यादों ने भी तुझको,
कुछ पल तो घेरा होगा,
तेरी सहेलियों ने यक़ीनन,
मेरा नाम लेकर तुझे छेड़ा होगा..,.,

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2 JUN 2021 AT 18:27

खामोशी की चादर में लिपटी,
एक खबर पास आ रही है,
आज उसकी सहेली का मैसेज आया,
लगता है आज उसको भी मेरी याद आ रही है.......😉

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20 APR 2021 AT 14:30

ज़िन्दगी की ज़िंदगी में ज़िन्दगी से जंग है,
अपने अपनों से दूर हैं वक़्त ये कैसा तंग है,
घर में रहो सतर्क रहो समझो अपनी ज़िम्मेदारी,
न जाने अभी क्या क्या दिखाएगी ये दौर-ए- महामारी.....

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2 OCT 2020 AT 15:07

अपनी शायरी की शुरूआत बनाऊंगा तुझे,
अपनी डायरी में छुपे जज़्बात बनाऊंगा तुझे,
ना रखूंगा कोई राज़ मैं तुझसे,
अपने दिल की हर बात बताऊंगा तुझे....

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1 JUL 2020 AT 10:27

है कहीं दूर कहीं दूर मेरी ख़ुशी,
चली आये.....
मैं कर रहा हूँ प्रयास,
ये उदासी चली जाए.......
एक मुद्दत हुई मुझको मुस्कुराये,
मैं कर रहा हूँ प्रयास,
ये उदासी चली जाए......

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28 JUN 2020 AT 22:50

हम कुछ कहेंगे तो हंगामा होगा,
तुम कुछ कहोगी तो हंगामा होगा,
ये हंगामों की बस्ती है यहां,
दोनों चुप भी रहेंगे तो हंगामा होगा.....

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21 JUN 2020 AT 13:20

"प्यारे पापा"

वो तेरा हंसी के पीछे गम को छुपाना,
खाली जेब पर भी हमको भर पेट खिलाना,
वो मेले में ले जाना वो झूले झुलाना,
खुद पैदल चल कर हमको साइकिल दिलाना,
हमारी एक इच्छा पूरा करने को खुद की इच्छा मार लेना,
हमारी गलती पर डांटना फिर प्यार  समझाना,
वो रोने पर हमारे हमको गले से लगाना,
हमे आइसक्रीम खिलाकर खुद पानी पी के सो जाना,
रात में वो प्यार से हमारे सर को सहलाना,
"आज भी याद आती है बचपन की वो बातें,
आपके घर पर आते ही हमारा भाग कर आना,
थकान कितनी भी हो पर हमको गोद में उठा लेना,
हर गम को छुपाकर अपने हमे देखकर मुस्काना........."

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29 APR 2020 AT 20:35

कुछ यूं भी महफ़िल में हम अपना प्यार जताते हैं,
उनसे सामना होते ही उनसे नज़रें चुराते हैं......

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27 APR 2020 AT 21:06

नम आँखे, मुस्कुराते लब और बिखरे हुए जज़्बात......
कितना कुछ साथ ले आती है,
ये बिन मौसम बरसात और तुम्हारी याद......

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26 APR 2020 AT 18:19

ढल गया है दिन अब शाम हो गई है,
हमारे इश्क की चर्चा अब सरेआम हो गई है,
हम भी कहते हैं बात अपने दिल की,
मेरी ये ज़िन्दगी तेरे नाम हो गई है.....

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