इंतजार सबब ना पूछ क्या गुजरी मुझ पर
घड़ी घड़ी पहर चला और कोई आया नहीं-
आरज़ू अनकही
588 Followers · 2.1k Following
Revoked
Joined 14 February 2020
21 AUG 2021 AT 21:25
21 AUG 2021 AT 21:09
रात की सफ़लता ही स्नेह की सूरत हैं
वो चांद सी मुखड़ा वाली गुरुत्वाकर्षण की मुरत हैं-
21 AUG 2021 AT 17:38
मीठी चॉकलेटी अदा ये रूह में घुलती है
नब्ज टटोल कर के एक बात बोल कर के-
21 AUG 2021 AT 15:29
पकड कर मसल दो हुस्न को पानी होने तक
साँस आनी चाहिए मौसम रवानी होने तक-
21 AUG 2021 AT 9:37
गर्म हुस्न नर्म ओंठ उभार सारे कड़े हो गए
हमने छुए बस हल्के से मिजाज दोनों के इसी पर अड़े रह गए-
20 AUG 2021 AT 23:32
कई पहर लगेगी अभी ताजगी खातिर
पुरानी आरजू आखिर पल भर में कहाँ मानेगी-