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मन में समर्पण और तन में ताकत,
चला चल राही, रुकना नहीं कही,
बेखौफ, बेबाक अंदाज और रख लक्ष्य,
अटल, अचूक और रख अटूट विश्वास
तू गिरेगा भी, उठकर संभालना तुझे,
कर प्रयास, आस किसी से लगाना नहीं
चला चल राही, रुकना नहीं कही
कर प्रश्न, खोज उत्तर प्रत्येक ,
साथी बना और निभा संबंध उनसे,
किए उपकार और दिए उपहार जिसने
सफलता एक भ्रम है इससे बाहर निकल,
सवेरा देख, धूप सह और रात में पहर
जिंदगी समझ , रंग भर और कोई मिलेगा नहीं
चला चल राही, रुकना नहीं कही।-
जय हिंद , जय भारत
धैर्य रखा वीरों ने नहीं तो ख़ून की नदिया बह जाती ,
रक्षा का सवाल 140 का और देना था जवाब ,
तूफान चल रहा दिमाग में , ताकत बतलाना था,
कोई दुश्मनी नहीं थी पड़ोसी से, आतंक वाद मिटाना था, जब खामोश वीर रह गया ,
क्षण भर के लिए सारा विश्वास टूट गया ।
बातों में और लातों में फर्क बहुत है,
ये उसको बतलाना था।
वो दिन आ गया , जब मुंह तोड़ जवाब दिया,
मेरी बहनों के स्वाग का बदला सिंदूर से लिया।-
A man who makes set of rules and break himself and talk about honesty this doesn't suit him.Those who has vision and planning for unplanned destination, they are supposed to face unexpected results everytime. It means they should be well planned and organised. One more thing competition of climbing tree should not be for everyone.
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रगो में खून नहीं आजादी है,
मुख में जुबा नहीं आक्रोश हे,
हाथ उठते है बस तिरंगा उठाने को,
सर झुकता है , भारत के वंदन में
बचपन से पचपन तक एक मेरी निशानी है
नख से शीर्ष तक बंदा हिंदुस्तानी है।-
पत्थर के हो गए ,
अब कुछ नहीं महसूस होता
चाहे जान दे दो,
या जहां दे दो
ये मुखौटा अब नहीं हटता ।
सब अहसास थम गए
अब कुछ नहीं महसूस होता
चाहे मार दो ,
या मर जाऊ।
ये लिबाज अब नहीं पिघलता।-
जब तलक तुम चुप रहो,
मैं इस उलझन में रहूंगा,
तुम नाराज हो या इशारा कोई ।
हरगिज हम कच्चे दिमाग के है
निशब्द कुछ समझ आता नहीं
और आता भी है ,तो तुमको भाता नहीं।
बड़ी गमगीन हालात है मेरे आकाश,
कहो तो बताओ ,आप यूं समझो ,
मैं इस पार का भी नहीं , और उस पार का भी नहीं।-
वो पकड़े गए उस दिन जब नजरे देखी,
उसको सब करना था छिपा कर ,
मुझे प्यार करना था बताकर सब,
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