सच तो सच है फिर
अपनों का हो या गैरों का
बस फर्क इतना है कि
जब बात अपनों कि होती है तो
सच भी झूठ का पर्दा पहन लेता है।-
Aaar Ghai
(©ऋshika Ghai)
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Joined 12 June 2017
21 APR AT 22:54
13 APR AT 12:47
प्यार में टूटे दिल पर रोने वालों
तुम क्या जानो
बरसों की दोस्ती दूर जाने का गम।-
20 FEB AT 21:37
उथल-पुथल सी हो गई थी
ज़िंदगी हमारी
फिर भी,
जीना सीख लिया था हमने उसके सहारे...
आज जब फिर सब संभल सा गया है
तो क्या बताएं...
आदत सी हो गई है
उस उथल-पुथल के बीच जीने की।-
20 FEB AT 17:52
भी अब बंद हो गई
जब दो से एक हो गए हम,
अब ना तो कोई कुछ कहता है
और ना कुछ सुनता है
बस एक अकेली मैं
चुपचाप पड़ी रहती हूं
उन चार दीवारों के बीच।-
5 JAN AT 22:40
कर मदद फिर क्यों ये सोचे
की है महान अब हम
महान तो हम नहीं
वो है जो समझे हमको
अपनी मदद के काबिल।-
14 NOV 2024 AT 19:28
है बस यही... एक सपना
क्यों ऐसा कहते है सब?
ऐसी सोच को छोड़ क्यों नहीं
हम फिर से बच्चा बन जाए।
-
5 SEP 2024 AT 18:14
Award for their teaching
Their students do good in life
That's their only reward-