A. R   (Anupama Blossoms)
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https://www.youtube.com/@Anupama_Blossoms
Joined 12 May 2018


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27 JUL 2023 AT 22:36

Fragments of hopes
are stronger than my bones.

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14 NOV 2022 AT 15:50

पंख पसार और हौसला रख।
तू ऊंचे आसमानों की हकदार है।

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14 NOV 2022 AT 15:32

कतरा कतरा मोम बन कर
भावनाओं को पिघलने दो ना ।
छोड़ो कल, परसो की बातें ....
आज को सिर्फ़ इस आज से
जी भर कर गले मिलने दो ना ।

कतरा कतरा मोम बन कर
भावनाओं को पिघलने दो ना ।

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30 OCT 2022 AT 8:17

We ask & we receive it.
We knock & the closed doors open.
We ultimately manifest who we truly are.
#Peace & healings. 🍀

~A Spiritual Seeker~

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23 OCT 2022 AT 16:24

Happiness cannot be traveled to, owned, earned, worn or consumed. Happiness is the spiritual experience of living every minute with love, grace, and gratitude.


– Denis Waitley

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23 OCT 2022 AT 16:19

सती कामना थी
और पार्वती तपस्या ।

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23 OCT 2022 AT 16:15

सुकून के दायरों में था जो पला
वो थोड़ी ना था
ताउम्र दिल बहलाने का सिलसिला ।

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18 OCT 2022 AT 5:57

My heart goes out to the people
who taste tears as their breakfast,
move to office with a heavy heart
and rest over the dark night
in the hopes of having everything fine
someday, somewhere.


P.s. Good morning people.

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7 OCT 2022 AT 22:53

इक दफा फिर हमारी बात हुई ।
यूं लगा जैसे सदियों बाद मुलाकात हुई ।

शायद तुम्हें थोड़ी खेद हो इस बात से
कि अब मैं पहले जैसी बिलकुल न रही ।

कानों में बालियों की जगह
कानों में तालियों से रूबरू हो चुकी थी ।

हाथों में चूड़ियों की खनक न थी ।
आंखों में तुम्हारी तलब न थी ।

रोशनी सी थी मेरी मुस्कान
और अब माथे पर शिकायतों की लकीरें न थी ।

तुम्हारी कामना से अधिक
मुझमें आत्मविश्वास .......

......... PLEASE READ IN CAPTION

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30 SEP 2022 AT 23:30

/आशा

चलो,
आज तुम ही बता दो ।
क्यूं बार बार मेरे ख़्वाबों में आते हो?

मैं नाचती हूं बाहें फैला कर
तुम क्यूं देख कर मुस्कुराते हो?

मिलते हो जब नदी के तट पर,
क्यूं मुझसे आंखें चुराते हो?

नज़रअंदाज़ करूं जो मैं तुम्हें,
तो क्यूं किसी और गली जा कर मुझे सताते हो?

क्या कभी कहा मैंने, कि तुम ही मेरी दुनिया हो?
अगर नहीं, तो क्यूं सुन नहीं पाते हो?

मेरे सपने, मेरी हस्ती
सब रूठ कर चले गए मुझसे।

अब तो तुम भी
सपनों से
कहीं दूर चले जाते हो ।

P.s. आज फिर आए तुम ।


_ अनु

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