और सब खामोश थेअहंकार का ताला सबके मुख पे थाझुकने की कोशिश किसीने नहीं कीसब दूसरो को झुकाने में लग गये थेरिश्ते को भी अब तूटना ही बेहतर लगा -
और सब खामोश थेअहंकार का ताला सबके मुख पे थाझुकने की कोशिश किसीने नहीं कीसब दूसरो को झुकाने में लग गये थेरिश्ते को भी अब तूटना ही बेहतर लगा
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