3 JUL 2020 AT 14:55

और सब खामोश थे

अहंकार का ताला सबके मुख पे था

झुकने की कोशिश किसीने नहीं की

सब दूसरो को झुकाने में लग गये थे

रिश्ते को भी अब तूटना ही बेहतर लगा

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