दूरियां बना लो हमसे,
वरना मोहब्बत हो जाए गर तुमसे,
तो कसूर मेरा नही।
सवालों के घेरे में आ जायेगी मेरी शख्सियत,
इरादा पाक होते हुए भी
बेवजह ये इल्जाम अच्छा नही।
हाँ कुछ अल्फाज़ो के खेल में
मैं तुम्हे पसंद करने लगा हूँ,
बात अलग है कि तुमसे कहता नही।
डरता हूँ तेरी मौजूदगी को खोने से,
जब दिल धड़क धड़क कर एहसास दिलाता है तेरा,
नज़रअंदाज़ करके उसकी बातों को मैं सुनता नही।
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