मिलने को उनसे, खुद को कितना बेचैन करता हूं हैं पता उन्हें भी सब कुछ, ये मैं दिन रैन करता हूं। हर बार उनकी मर्जी का शिद्दत से इंतज़ार करता हूं क्या बताऊं यार मैं उनको कितना प्यार करता हूं।
अचानक इतना busy हो गए कि मेरा कभी ख्याल नहीं आता कर के यूं बेफवाई, खुद पे ज़रा सा भी मलाल नहीं आता खुदा से भी नहीं डरते, ना जाने कैसा पत्थर दिल है तुम्हारा तुझे याद करने का तो सपने में भी अब सवाल नहीं आता।
दिल की हसरतें अब, जुबां पर आने लगी है तुमने देखा जबसे ये, ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी है है दीवानगी मेरी या, मुहब्बत हद पार कर रही हर सूरत में मुझे सूरत, तेरी नज़र आने लगी है।