जहाँ मे हर मसले का हल नहीं मिलता
गुलाब मिलता है पर कमल नहीं मिलता।
तरप तड़प कर जान निकल जाती है मगर
वक्त पर खून मिलता है जल नहीं मिलता।
चमकदार चीजों का बाजार है अब यहां पर।
इमान भी लोगों का अब असल नहीं मिलता।
ना ओमीदी कुफ्र है लोगो से सुना है जिया
मेरे सब्र का भी तो जल्दी फल नहीं मिलता।
जो लिखकर चला गया पत्थर की लकीर है।
मीर जैसा लिखा कोई गजल नहीं मिलता
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