निगाहों में,कोई भी दूसरा चेहरा नहीं आया।भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का।। -
निगाहों में,कोई भी दूसरा चेहरा नहीं आया।भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का।।
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मेरी ज़िन्दगी में दर्द तो बहोत हैं मगर कभी किसी को दिखाया नहीं, और बिना दिरखाए मेरे दर्द को समझ सकेऐसा खुदा ने मेरे लिए कोई बनाया नहीं.! -
मेरी ज़िन्दगी में दर्द तो बहोत हैं मगर कभी किसी को दिखाया नहीं, और बिना दिरखाए मेरे दर्द को समझ सकेऐसा खुदा ने मेरे लिए कोई बनाया नहीं.!
तुम मुझे कभी और कंही दोबारा मिलना,शुरू से.........वहां,जंहा तुम्हे कोई याद ना हो दिल टूटने की,ना मेरी समझ में इश्क़ अधूरा हो। -
तुम मुझे कभी और कंही दोबारा मिलना,शुरू से.........वहां,जंहा तुम्हे कोई याद ना हो दिल टूटने की,ना मेरी समझ में इश्क़ अधूरा हो।
झूठ बोलना सिर्फ पहली बार आसान होता हैं,उसके बाद मुश्किल ही मुश्किल होता है।और सच बोलना पहली बार मुश्किल होता हैं,उसके बाद आसान ही आसान होता हैं।। -
झूठ बोलना सिर्फ पहली बार आसान होता हैं,उसके बाद मुश्किल ही मुश्किल होता है।और सच बोलना पहली बार मुश्किल होता हैं,उसके बाद आसान ही आसान होता हैं।।
कभी शामों में लौटकर,वो आना भूल जाता हैं।करके खफ़ा मुझे,वो मनाना भूल जाता है।इन्हीं आदतों ने उसकी,मुझे बदनाम कर डाला।वो लिखकर नाम दीवारों पर,मिटाना भूल जाता है,और मत पूछ मोहब्बत में लापरवाही उसकी,वो देकर ज़ख्म,महरम लगाना भूल जाता हैं।कुछ यूं दिलनशी होता हैं उसके याद का मंजर, वो जब याद आता है, जमाना भूल जाता हैं।। -
कभी शामों में लौटकर,वो आना भूल जाता हैं।करके खफ़ा मुझे,वो मनाना भूल जाता है।इन्हीं आदतों ने उसकी,मुझे बदनाम कर डाला।वो लिखकर नाम दीवारों पर,मिटाना भूल जाता है,और मत पूछ मोहब्बत में लापरवाही उसकी,वो देकर ज़ख्म,महरम लगाना भूल जाता हैं।कुछ यूं दिलनशी होता हैं उसके याद का मंजर, वो जब याद आता है, जमाना भूल जाता हैं।।
टूट गयी खुशियों की छाननी,दर्द छाटता तो किससे छाटता,कोई ना था मुझे गले लगाने वाला,गम बाँटता तो किससे बाँटता । -
टूट गयी खुशियों की छाननी,दर्द छाटता तो किससे छाटता,कोई ना था मुझे गले लगाने वाला,गम बाँटता तो किससे बाँटता ।
मैंने परखा है..अपनी बदकिस्मती को, मैं जिसे अपना कह दूं. वो फिर मेरा नहीं रहता.!! -
मैंने परखा है..अपनी बदकिस्मती को, मैं जिसे अपना कह दूं. वो फिर मेरा नहीं रहता.!!
जवानी में कई ग़ज़ले अधूरी छूट जाती हैं,कई ख़्वाहिश तो दिल ही दिल मे, टूट जाती हैं।जुदाई में तो तुमसे मुक़म्मल बात होती है,मुलाक़ातों में सब बातें, अधूरी छूट जाती हैं।। -
जवानी में कई ग़ज़ले अधूरी छूट जाती हैं,कई ख़्वाहिश तो दिल ही दिल मे, टूट जाती हैं।जुदाई में तो तुमसे मुक़म्मल बात होती है,मुलाक़ातों में सब बातें, अधूरी छूट जाती हैं।।
शुरुआत में दो अंजाने मिलते हैं,बाते होती हैं,ऐतबार होता है,फिर प्यार होता हैं,या तो धोखा या जात या तो ना मिलने के पीछे परिवार होता हैं!कहानियां सब एक जैसी बस अलग किरदार होता हैं। -
शुरुआत में दो अंजाने मिलते हैं,बाते होती हैं,ऐतबार होता है,फिर प्यार होता हैं,या तो धोखा या जात या तो ना मिलने के पीछे परिवार होता हैं!कहानियां सब एक जैसी बस अलग किरदार होता हैं।
तू सबर रख,दूरियों का मलाल उसे भी होगा !जब तू किसी और का होगा ,तो मोहब्बत का एहसास उसे भी होगा...!! -
तू सबर रख,दूरियों का मलाल उसे भी होगा !जब तू किसी और का होगा ,तो मोहब्बत का एहसास उसे भी होगा...!!