yaseen mohammed  
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Joined 21 August 2023


Joined 21 August 2023
YESTERDAY AT 1:55

दिल से बस एक फरियाद निकलती है मुझे छोड़ कर जाना नहीं,
मैंने प्यार किया है कोई सौदा नहीं, तुम वापस चले आना यहीं,

तुम्हारा मैं इंतज़ार बस करता रहूंँगा, हर पल राह तकता रहूंँगा,
इक पल भी अकेले गंँवारा नहीं, मैं तुम्हारा ही इंतज़ार करूंँगा,

मेरा दिल उदास है, मन निराश है, कुछ और अब न भाए मुझे,
अजब सवाल है, इसका न कोई जवाब है, कैसे समझाऊंँ तुझे,

मेरे आँसूओं का रुख कुछ और है, वो रुकाते भी अब न रुके,
तुम आ कर देख लो, वो बहते है पर किसीको बिल्कुल न दिखे,

यही फ़रियाद करता हुँ मैं अब, साथ तुम्हारा रहे सदा के लिए,
तुम्हीं को याद करता हूंँ अब, तुम्हारा हाथ थामूँ सदा के लिए।।

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3 MAY AT 23:39

इस कदर यादों में बसे हो तुम, और कुछ याद नहीं आता,
बिन तुम्हारे जी न सकूंँगा, दिल को कोई और‌ छू नहीं पता,

पता है मुझे, तुम कहीं और हो, मैं सदा कहीं और रहूंँगा,
यादों का सहारा है, पता नहीं दिल की बात कैसे कहूंँगा,

धुंँधली हो रही नज़र, पर तुम अब भी साफ़ दिखते हो मुझे,
यादों में ही सही मिलो मुझसे, दिल का इज़हार करना है मुझे,

चाहत ऐसी हुई अब, हकीकत में किसी और को छू न सकूंँगा,
आंँखे बंद कर देखता हूंँ तुम्हें, बस तुम्हारी यादों में रह जाऊंँगा,

पता है की तुम्हें भी प्यार है, सामने इक पल आओ तो सही,
कितनी बातें करते हो यादों में, सच में सुनना है बातें कई,

मेरी अधखुली आंँखें खुलते ही कहीं दूर चले जाते हो तुम,
हर रात को यादों में मिल कर, बहुत ज़्यादा आज़माते हो तुम,

अब यादें ही तो है तुम्हारी, इन्हीं के सहारे जी रहा हुँ‌ मैं,
कहांँ रह गए अब तुम, अकेले ही बस जी रहा हूंँ मैं।।

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2 MAY AT 23:46

यहांँ सब सांँस लेते है मगर, सब जीना भूल गए,
ज़िंदगी का एक घूट पीना था, वो पीना भूल गए,

सब चल रहे अपने रास्तों पर, पर चलना भूल गए,
कदम जब भी डगमगाए, खुद संभलना भूल गए,

चुटकुलों की दुकान पर जा कर, हंँसना भूल गए,
किसी की उदासी में, प्यार से गले लगाना भूल गए,

टूटे तो बहुत दिल है, इन दिलों को जोड़ना भूल गए,
प्यार से भरे एक दिल पर, प्यार जताना भूल गए,

जब ठंडी पड़ी जुनून की आग, उसे सुलगाना भूल गए,
हम भी सांँस ले रहे है मगर, लगता है जीना भूल गए।।

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1 MAY AT 22:36

सिर्फ तेरी चाहत के लिए, मैं दो जहां से लड़ पड़ूंँ,
तू खुश रहे सदा, तेरी खुशी के लिए कुछ भी कर दूंँ,

सारी दुनियांँ में है तू बस एक, कोई दूजा न दिखा मुझे,
बस तुझी में दिखी हर खुशी, मेरी हर दुआ तेरे लिए,

मत पूछ तेरी चाहत का मुझ पर क्या असर हो गया,
कुछ न दिखे जब तू हो सामने, मेरा जहां तू बन गया,

ऐसी चाहत है दुनियांँ में, तू मिली तो पता चला मुझे,
मेरा सारा जहां मुस्कुराए, जब भी मुस्कुराता देखूंँ तुझे,

मुझे जीने का मतलब मिला, जब से तेरे संग चल पड़ा,
बस तू ही संग मेरे, कहीं भी रहूंँ, मैं तुझी से हुंँ जुड़ा।।

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30 APR AT 23:08

प्यार का इज़हार कर न सके, हाल ए दिल बयां कर न सके,
शायद और वक्त चाहिए था, और वक्त किस्मत से ले न सके,

बताना है कैसी तबियत है मेरी, जिस पल से तुझे मैंने देखा है,
तू बन गई मेरे दिल का सुकून, तू बन गई हाथों की रेखा है,

इज़हार कर लेता गर मैं तुझ से, तू और मैं शायद आज हम होते,
साथ करते सफ़र तय अपना, चल कर साथ हंँसते और साथ रोते,

अब किस्मत के हाथों छोड़ दिया सब, ज़माना भी बेगाना हुआ,
प्यार का इज़हार तुझ से कर न सका, मैं तेरा और तू मेरा न हुआ।।

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29 APR AT 21:13

ज़िंदगी एक पहेली ऐसी, जो सुलझाए कभी न सुलझे,
और सुलझाने की कोशिश करो, ये और भी जा उलझे,

ये एक ऐसी पहेली है, जो सबकी सबको खुद ही मिले,
कोई थक जाता इसे सुलझाते, किसी से आसानी से सुलझे,

कोई हाथों की लकीर कहे, कोई किस्मत का नाम दे इसे,
कोई हमेशा इसे कोसे, कोई अपनी मेहनत से सुलझा दे इसे,

किसी को पैसा ही दिखे इसमें, कोई इसमें मोहब्बत ही ढूंढे,
किसी को खुद के अकेलेपन में रह कर इसका जवाब मिले।।

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29 APR AT 17:58

ज़माने में कई दिखे, पर तुझ सा नहीं देखा,
इतने प्यार में डूबा दिल, ऐसा प्यार नहीं देखा,

मत कहना किसी से की मैं तेरी इतनी तारीफ करता हूंँ,
इतनी मासूमियत, ऐसा जज़्बा, इतना ऐतबार नहीं देखा,

दिखे कई चाहने वाले, दिखे कई तराने,
कुछ साथ तो रह गए, बाकी हुए बेगाने,

इतनी चाहत, इतनी बेकरारी, इतना लगाव नहीं देखा,
अश्कों का समंदर, ऐसा प्यार का दरिया नहीं देखा।।

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28 APR AT 22:17

आंँखों ही आंँखों में तूने इतना कुछ कह दिया,
प्यार का संदेशा था, तूने मेरा दिल ही ले लिया,

अल्फाज़ एक न थे, इशारा भी तो नहीं किया,
इतना प्यारा प्यार तेरा, मेरे दिल को छू दिया,

इससे पहले कुछ समझ पाता, मेरा दिल खो गया,
तेरी आंँखों से निकला तीर, मेरे दिल में चुभ गया,

नींदों में तू और सपनों में तू, ये कैसा सिलसिला,
अब दिन भी तू रात तू, न सूझे कुछ तेरे अलावा।।

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27 APR AT 22:47

आंँखों में चुभ रहा है ग़म, अब और छुपाया नहीं जाता,
तुझसे दूर और आंँखें हुई नम, तुझे ये दिखाई नहीं देता,

ये बोलने की बात है क्या, लगता था मुझे तू जानता है,
जबां से कह ना सकूंँ, लगता था मुझे तू पहचानता है,

मैं बोलूंँ किस अंदाज़ में, ये अब मुझे समझ न आए,
उदास हूंँ बिन तेरे मैं, ज़िंदगी में एक रंग मुझे न भाए,

मेरे प्यार में शायद कमी थी जो तुझे बता न सकी,
आंँखों में सपने बुनती गई, जो तुझे दिखा न सकी,

फरियाद है ये रब से, तू सलामत रहे जहांँ भी है अब,
तू ग़मों से महफूज़ रहे, खुश रहे, करूंँ यही दुआ रब,

ऐसा ग़म किसी को न मिले, किसी की आंँखें न हो उदास,
प्यार आंँखों और दिल में पले, रहे दिलों में सदा मिठास।।

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27 APR AT 21:53

सारी यादों में कुछ यादें हमेशा रहेंगी दिल के पास,
इनमें से स्कूल की यादें, हमेशा रहेंगी बेहद ख़ास,

वो मास्टर जी का ज़ोर से चिल्लाना, कुछ भी कर लो, कुछ समझ न आना,
गणित के पहाड़े, कबीर के दोहे, बहुत समय लगा था ये खुद को समझाना,

सीखा यहीं पर दोस्ती का मतलब, पहले प्यार का सबक यहीं पर दिखा,
वो टीचर का सिखाया हुआ पाठ, उसी से हमनें बहुत कुछ है सीखा,

बिना सोचे टिफिन डब्बे बांट कर खाना, दोस्तों की बोतल से पानी पीना,
परीक्षा के समय खूब मेहनत में जुट कर, दिल लगा कर साथ में पढ़ना,

यहीं कुछ यादें है जो आज भी हमारे दिलों में बसती है,
बचपन के पल ऐसे थे, बड़ी ही धूम क्या खूब मस्ती थी।।

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