कविता
अधिकांश लेखकों ने अपनी कविता में स्त्रियों को भी सराहा है।
साहित्यकारों ने स्त्रियों के ही साहित्य से संसार का परिचय करवाया है।
इतिहासकारों ने केवल स्त्रियों के संघर्ष का परिचय लहराया है।
आखिर पुरुषों को भी दया करुणा, संघर्ष प्रेम जैसे गुणोसे ईश्वर ने निखारा है
कोई किसी से कम नहीं मेरी कविता में दोनों को श्रेष्ठ बताया है ♥️♥️✍️😍
-