हम थे, तुम थे, कई हसीन ख़्वाब थे,अभी कल की बात है
हर तरफ थी खुशी, रंग बेहिसाब थे,अभी कल की बात है
ये बेरुखी, ये तल्ख़ लहज़ा,ये जो बुरे तुम्हें हम लग रहे हैं
हमीं सबसे अच्छे थे,बाकी सब ख़राब थे,अभी कल की बात है
अब किससे अपना दर्द सुनाएँ,सब दोस्त यार भी भूल गए
हम रौनक-ए-बज़्म-ए-अहबाब थे,अभी कल की बात है
अब तो हँसना भी चाहें, तो आँख से आँसू निकल पड़ते हैं
इन उदास होंठों पर भी,कहकहे लाजवाब थे अभी कल की बात है
ये जो लहू लहू है बदन मेरा,ये जो ख़ार ख़ार है जिंदगी
ये सिला मिला है ईश्क़ में,नहीं तो हम भी गुलाब थे,अभी कल की बात है
पत्थर समझ के जिसने, अपने रस्ते से मुझे हटा लिया
उसकी नज़र में हम गौहर-ए-नायाब थे,अभी कल की बात है
कुछ हादसों ने हमें आसमाँ से, जमीं पे गिरा दिया
ऐ! 'साहिल' हम मिस्ल-ए-आफ़ताब थे,अभी कल की बात है
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