क्यों दुआ में दूं तुम्हें मैं जिंदगी लंबी,सुकून का एक दिन भी जब मुहाल हो यहां। ....(विवेक) -
क्यों दुआ में दूं तुम्हें मैं जिंदगी लंबी,सुकून का एक दिन भी जब मुहाल हो यहां। ....(विवेक)
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सब ही बांचें भाष्य को; मौन न बांचे कोय,नयन किसी बदरी घिरे; जियरा कौन भिगोय। ....(विवेक) -
सब ही बांचें भाष्य को; मौन न बांचे कोय,नयन किसी बदरी घिरे; जियरा कौन भिगोय। ....(विवेक)
परवाह होना; ख़याल करना; गुफ़्तगू का शौक रखना,बस इन्ही बातों से लगे; वो इन्सा कोई अपना सा है। ....(विवेक) -
परवाह होना; ख़याल करना; गुफ़्तगू का शौक रखना,बस इन्ही बातों से लगे; वो इन्सा कोई अपना सा है। ....(विवेक)
बीत गया था जो कल मेराफिर से ज़िंदा हो गया,यादों की जो पूंजी थीमैं उसका जाया हो गया। ....(विवेक) -
बीत गया था जो कल मेराफिर से ज़िंदा हो गया,यादों की जो पूंजी थीमैं उसका जाया हो गया। ....(विवेक)
कितना बढ़िया भोज था; रोटी चटनी प्याज़,भोग मिलें छप्पन मगर; मज़ा ना आए आज। ....(विवेक)😔 -
कितना बढ़िया भोज था; रोटी चटनी प्याज़,भोग मिलें छप्पन मगर; मज़ा ना आए आज। ....(विवेक)😔
ऐ मेरे दोस्त कोई तो बात है तुझमें; अब भी,यकबयक देख कर तुझको; ये नौबहार आ गयी। ....(विवेक) -
ऐ मेरे दोस्त कोई तो बात है तुझमें; अब भी,यकबयक देख कर तुझको; ये नौबहार आ गयी। ....(विवेक)
गुज़रे मेरे शहर से; मुझको ख़बर नहीं, बादल बने हैं गोया; मुझ पर नज़र नही। ....(विवेक) -
गुज़रे मेरे शहर से; मुझको ख़बर नहीं, बादल बने हैं गोया; मुझ पर नज़र नही। ....(विवेक)
वक़्त की फ़ितरत है बदलते रहना,और हम उसे हल्के में लिए जाते हैं। ....(विवेक) -
वक़्त की फ़ितरत है बदलते रहना,और हम उसे हल्के में लिए जाते हैं। ....(विवेक)
गुल-ए-गुलाब को मैं आज एक गुलाब दे दूं,हर पत्ती बयां करेगी कुछ अल्फ़ाज़ मेरे। ....(विवेक) -
गुल-ए-गुलाब को मैं आज एक गुलाब दे दूं,हर पत्ती बयां करेगी कुछ अल्फ़ाज़ मेरे। ....(विवेक)
पौधा रोपा प्रेम का; दिन-दिन सूखा जाय,संवादों का जल नहीं; नेह कहां उपजाय। ....(विवेक) -
पौधा रोपा प्रेम का; दिन-दिन सूखा जाय,संवादों का जल नहीं; नेह कहां उपजाय। ....(विवेक)