तेरी यह बेरुख़ी कुछ इस कदर हसर कर रही है जैसे सूर्य पर ग्रहण हो जैसे शूना सा सहर हो जैसे मेरे दिल में अब ज़हर हो जैसे मोथ का पहर हो जैसे यह आख़िरी सहर हो .....................
चलो हिसाब बराबर हुआ अब कोई गम नहीं मेरे पास तुम नहीं तेरे पास अब हम नहीं और यह कहानी का पन्ना हम यही फाड़ते है बस अखरी बार यही कहना है तुमसे अब इन पन्नो झोड़ने की कोसीस ना करना कियोकि अब ज़िंदगानी कि पन्ना हम यही फाड़ते है
बहुत भोले रह गए ना हम इतने भोले की किसी बात का बुरा लगा या कभी जो दिल दुखा तो कुछ कह भी ना सके दूसरो की खुशी के लिए ख़ुद को लूटा दिया दूसरो की मुस्कुराहट के लिए खुद को भुला दिया अब कुछ नहीं बचा हिस्से में ज़िंदगी बीत गई इस फ़ैमिली की क़िस्से मैं चुकाते चुकाते 🖤🖤