Vinay Singh  
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Joined 2 March 2018


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20 APR 2023 AT 10:21

पेड़ पे फल लगेंगे
लोगों के पेट भरेंगे
पेंड़ जब छाया देगा
पथिकों का थकान मिटेगा।

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5 OCT 2022 AT 9:44

रावण कोई व्यक्ति नही है,क्योंकि यदि वह व्यक्ति होता तो वह कब का मर चुका होता या मार दिया गया होता ।रावण व्यक्ति नहीं बल्कि असत्य,अन्याय,अधर्म,पाप,बुराई,हिंसा,छल,मोह इत्यादि का प्रतीक है जो प्रत्येक व्यक्ति के अंदर बैठा है।आवश्यकता है इसको अपने अंतर्मन से उखाड़ फेंखने की तब जाकर हम असल मायने में दशहरे के पर्व को फलित कर पाएंगे।

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5 OCT 2022 AT 9:32

राम और रावण का युद्ध असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है,कुसंस्कृति पर सुसंस्कृति की विजय का प्रतीक है,अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है।

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24 SEP 2022 AT 0:12

वह आदमी पत्थर है,
वह निष्ठुर है, निर्दयी है,
उसने इन आंसुओं को
समझा ही नहीं,ये आँसू
नहीं,ये तो भावों को
प्रदर्शित करने का एक
अति उत्तम माध्यम है।

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18 SEP 2022 AT 9:38

टूट जाये न भरम,होंठों को हिलाऊँ कैसे
हाल जैसा भी है,लोगों को सुनाऊं कैसे
वो अगर रुलाते हैं मुझे,तो रुलाये जी भर के
मेरी आँखों में हैं वो,मैं उनको रुलाऊँ कैसे।

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17 SEP 2022 AT 6:32

कैसे बताऊं उसके बारे में
वो मेरे दर्द को अपना समझ बैठी,
मैंने कहा मुझे नींद नहीं आ रही
वो भी अपने बिस्तर से उठ बैठी।

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14 SEP 2022 AT 8:16

" कुछ पल दो पल की यादें"
घर से दूर गए थे जब तुम
मम्मी की याद सताई होगी
और ओढ़ चादर से विस्तर पर
खुद को तन्हाई सी आयी होगी।
जब भैया से बात किये होंगे
कुछ चेहरे पे मुस्कान तो आये होंगे
पर सच कहता हूं सुन लो यार
आंखों में कुछ तो आँसू आये होंगे।
जब दूर कहीं से घर तुम आते थे
चेहरा प्रसन्न हो जाता था
पर बाहर घर से जब तुम जाते थे
चेहरा उदास हो जाता था।
जब घर के बाहर जाते थे
पापा की याद तो आयी होगी
तकिये के नीचे मुह ढँककर
सिसक सिसक कर रोई होगी।
अपने घर के आँगन की जब
कुछ याद तुम्हें जो आयी होगी
आंसू छलके होंगे पलकों से
हां! चेहरे पर मायूसी छायी होगी।

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11 SEP 2022 AT 9:49

कोई मेरे सपनों में आया
मैं देख न पाया,
थोड़ी रोशनी कम थी
पर मुझे यकीन है
कोई न आया होगा ,
बस तुम्हारे अलांवा।

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11 SEP 2022 AT 6:36

कोई व्यक्ति किसी शिखर तक पहुंचता है तो वो अपने सपने को पूरा करने और उससे भी बढ़कर किसी के उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास होता है।
Happy sunday

- Vinay singh

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9 AUG 2022 AT 7:52

जब मन के मैल धोना हो तो
आप आंसू बहाएं क्योंकि मन का मैल
धुलने के लिए आंसू से स्वच्छ जल कोई
और नहीं है।

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