हाइकु पंचकोरोना कालव्यथा अपरम्पारछिना व्यापार😥😥😥कोरोना योद्धाकलयुग के रामलड़े संग्राम🏹🏹🏹दृढ़ निश्चयजीतेगे बारम्बारझुका जहान✌✌✌संतुलित होप्रकृति व विज्ञानहे भगवान🌴🌴🌴आरोग्यवानहे करुणानिधानहोय इन्सान🌹🌹🌹विनय जैन "कँचन" -
हाइकु पंचकोरोना कालव्यथा अपरम्पारछिना व्यापार😥😥😥कोरोना योद्धाकलयुग के रामलड़े संग्राम🏹🏹🏹दृढ़ निश्चयजीतेगे बारम्बारझुका जहान✌✌✌संतुलित होप्रकृति व विज्ञानहे भगवान🌴🌴🌴आरोग्यवानहे करुणानिधानहोय इन्सान🌹🌹🌹विनय जैन "कँचन"
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इन्सान ईश्वर को पुजता, ईश्वर को मानतामगर ईश्वर की नहीं मानता ।शायद इसलिये ही ईश्वर ने अपने दर ईन्सान के लिये बन्द कर लिये है ।रामायण के माध्यम से ईश्वर ने फिर अवसर दिया है इन्सान को की ईश्वर को माने या ना माने मगर ईश्वर की जरुर माने । ~विनय "कँचन" -
इन्सान ईश्वर को पुजता, ईश्वर को मानतामगर ईश्वर की नहीं मानता ।शायद इसलिये ही ईश्वर ने अपने दर ईन्सान के लिये बन्द कर लिये है ।रामायण के माध्यम से ईश्वर ने फिर अवसर दिया है इन्सान को की ईश्वर को माने या ना माने मगर ईश्वर की जरुर माने । ~विनय "कँचन"
थाली बाजी हर्ष की, उसका फर्ज निभाय !थाली किसी गरीब की , खाली ना रह जाय !! -
थाली बाजी हर्ष की, उसका फर्ज निभाय !थाली किसी गरीब की , खाली ना रह जाय !!
थाली बजाने का एक तात्पर्य यह भी था की आपद काल मे थाली किसी गरीब की ना रहे खाली । -
थाली बजाने का एक तात्पर्य यह भी था की आपद काल मे थाली किसी गरीब की ना रहे खाली ।
शहर मे तेरे गर रह गया कोई भुखाहाय उसकी भला केसे सह पायेगा ?कोरोना से अगर मर जो तु गया ,बेटा भी तेरा कांधा नहीं दे पायेगा ।। ~ विनय कँचन -
शहर मे तेरे गर रह गया कोई भुखाहाय उसकी भला केसे सह पायेगा ?कोरोना से अगर मर जो तु गया ,बेटा भी तेरा कांधा नहीं दे पायेगा ।। ~ विनय कँचन
बुलायेगी दुकान मगर जाने का नही ,कोरोना को घर अपने लाने का नहीं ।लोभ लालच मे कभी आने का नहीं ,जीवन अपना दाँव पे लगाने का नहीं ।। ~ विनय जैन "कँचन" -
बुलायेगी दुकान मगर जाने का नही ,कोरोना को घर अपने लाने का नहीं ।लोभ लालच मे कभी आने का नहीं ,जीवन अपना दाँव पे लगाने का नहीं ।। ~ विनय जैन "कँचन"
बुलाती है सड़के मगर जाने का नहीं ,घर अपने करोना लाने का नहीं ।।दुर से ही अब हो नमस्ते ,हाथ कतई मिलाने का नहीं ।। ~ विनय कँचन -
बुलाती है सड़के मगर जाने का नहीं ,घर अपने करोना लाने का नहीं ।।दुर से ही अब हो नमस्ते ,हाथ कतई मिलाने का नहीं ।। ~ विनय कँचन
अजब गजब मेरा हिन्दुस्तान है भाई,चोटी कटवा से था खोफजदा ,मगर कोरोना से बेखोफ है भाई । ~ विनय "कँचन -
अजब गजब मेरा हिन्दुस्तान है भाई,चोटी कटवा से था खोफजदा ,मगर कोरोना से बेखोफ है भाई । ~ विनय "कँचन
कोरोना से युद्ध का ,करो नहीं उपहास !बाहर निकलो सदा ही ,पहन कर के मास्क !!हाथ धोओ साबुन से , हर सम्पर्क के बाद !बचाव ही उपचार है , भुलो नहीं ये बात !!आपदा खड़ी है बड़ी , सब मिल करे आघात !जनता कर्फ्यु से करे , विपदा का संघात !! ~ विनय "कँचन" -
कोरोना से युद्ध का ,करो नहीं उपहास !बाहर निकलो सदा ही ,पहन कर के मास्क !!हाथ धोओ साबुन से , हर सम्पर्क के बाद !बचाव ही उपचार है , भुलो नहीं ये बात !!आपदा खड़ी है बड़ी , सब मिल करे आघात !जनता कर्फ्यु से करे , विपदा का संघात !! ~ विनय "कँचन"
जब कोई साथ छोड़ जाता है ,अपना ही मुख मोड़ जाता है ।दिल पर क्या गुजरती है ?ख्वाबो को जब कोई तोड़ जाता है ।। -
जब कोई साथ छोड़ जाता है ,अपना ही मुख मोड़ जाता है ।दिल पर क्या गुजरती है ?ख्वाबो को जब कोई तोड़ जाता है ।।