वो अर्ज किया, मेरा गर्ज भी था,
फिर मै टूट गया ये फर्ज भी था।
सबने सपनों से सच होने का फ़रियाद किया,
अब बोलो क्या भूल गए और क्या याद किया?।
ये अलग नहीं की मै गैर रहा,
ये तो गलत हुआ की गैर बना।
तो क्या तुम उस पानी से आंखों को साफ किया?
अब बोलो क्या भूल गए और क्या याद किया?।
मै ढूंढा गांव गली हर शहरों में,
तुम मिले नहीं बहते लहरों में,
सच है की तुमसा न हुआ न किसी ने साथ दिया,
अब बोलो क्या भूल गए और क्या याद किया?।
मुझे मालूम तुमने मधुपान किया,
अरे हमने भी तुममे अनुदान किया।
तुम मस्ती में सुरूर रहे और मुझको भी प्रसाद दिया,
अब बोलो क्या भूल गए और क्या याद किया?।
क्या ये गलियां तुझको भाते है?
मुझे तो वो बादल बहुत बुलाते है।
गुजरा स्वर्ग के सीढ़ियों से और मुश्किल से सांस लिया,
अब बोलो क्या भूल गए और क्या याद किया?।
मै अब ढूंढ रहा उन सबराहों को,
सुरूर के असमंजस चौराहों को।
कहो तब किस-किस ने अस्थिरता में साथ दिया,
अब बोलो क्या भूल गए और क्या याद किया?।
-