उसे थोड़ा पाने को मेने खुदको पूरा गवाया था, निकाल कर हर खुदा को उसे दिल में बसाया था, नहीं शिकायत मुझे मेरा सब उजाड़ देने की, मेने ही तो एक शख्स को पूरी दुनिया बनाया था
एक कहानी में कई किरदार बनाएं हैं मैने, एक शक्ल पर कई चेहरे छिपाएं हैं मैने, मुझे देख कर अब ये लोग भी सही समझने लगें है, और खुद की ही अर्थी पर फूल भी सजाएं हैं मैने
तेरे सब किस्से सच्चे और कहानी सब मेरी झूठी निकली, ये धोखे भी तेरे ईमानदार और मोहब्बत मेरी बईमान निकली, मेने तो आखिरी बार भी हसकर उसकी मर्जी पूछी, कमबख्त उसकी तो खुशी भी मेरे मरने में निकली
हमने भी इस मोहब्बत में बहुत कुछ गवाया था, हमने भी किसी शक्श को खुदा से ज्यादा चाहा था, हम भी कहां खुदको इस वफ़ा के करीब रख पाए, हमने भी तो इस दिल के बदले इन आंखों रुलाया था