तहज़ीब संस्कार की मिशाल है बनारस
तो अदब रूआब की ढाल है बनारस,
लखनऊ कुछ कम नहीं अपने आप में
तो इलाहाबाद की हर बात में है बनारस,
ताजमहल है आगरा में मगर
आशिकों का ताजमहल है बनारस,
कृष्ण की नगरी मथुरा में प्रेम बरसता है
मगर हर कोई बनारस आने को तरसता है।।
देख बनारसी का श्रृंगार सबके मन को भाता है
सादगी का ये अंदाज ही भौकाल मचाता है।
बानारसी का भौकाल भयंकर बच्चे, बूढ़े सारे डरते,
यहां के लोग राख उठाए मानिकर्णिका में ताण्डव करते।।
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