एक खत इश्क़ के नाम का भी लिख रखा था हमने,
पता उसपे एक तरफ़ा प्यार का भी लिख रखा था हमने,
मायूसि से लौट आया वो डाकिया भी,
उस पते से बिना खत दिये ही,
वज़ह जब पूछा तो कहने लगा,
अब कोई नहीं रहेता इस पते पर इश्क़ करने वाले..
एक खत इश्क़ के नाम का भी लिख रखा जो हमने,
पता उसपे भरोसे का जो लिख रखा था हमने,
एक खत इश्क़ के नाम का कहीं किताबों में छुपा रखा है अब हमने....
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