लोगों की चाल जानकर क्या करेंगे हम,उनके हाल जानते हैं इतना काफ़ी नहीं। -
लोगों की चाल जानकर क्या करेंगे हम,उनके हाल जानते हैं इतना काफ़ी नहीं।
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डूबने पर किनारा,और गिरने पर सहारा मांगते हैं लोग।रिश्ता निभाने की आदत नहीं इन्हें,इसीलिए रिश्तों में कमियां निकालते हैं लोग। -
डूबने पर किनारा,और गिरने पर सहारा मांगते हैं लोग।रिश्ता निभाने की आदत नहीं इन्हें,इसीलिए रिश्तों में कमियां निकालते हैं लोग।
हिसाब लगाने जरूरत नहीं मुझे,कर्म बुरे भी होंगे मेरे तोउनमें किसी का बुरा नहीं किया होगा मैंने। -
हिसाब लगाने जरूरत नहीं मुझे,कर्म बुरे भी होंगे मेरे तोउनमें किसी का बुरा नहीं किया होगा मैंने।
लोग चीज़ों को मन से चाहते हैं,और मन का क्या,ये कभी एक सा नहीं रहता। -
लोग चीज़ों को मन से चाहते हैं,और मन का क्या,ये कभी एक सा नहीं रहता।
शायद कहीं कमी रह गयी थीदिखावे मे, वो मेरे अच्छे होने का सबूत मांग रहे थे। -
शायद कहीं कमी रह गयी थीदिखावे मे, वो मेरे अच्छे होने का सबूत मांग रहे थे।
वो कहते हैं कि हम उनकी बराबरी नहीं कर सकते,सही कहते हैं क्योंकि हमसे उतना नीचा गिरा नहीं जाएगा। -
वो कहते हैं कि हम उनकी बराबरी नहीं कर सकते,सही कहते हैं क्योंकि हमसे उतना नीचा गिरा नहीं जाएगा।
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हम लोगों पर शक़ नहीं करते, हमें यकीन हैं सब झूठ बोल रहे हैं। -
हम लोगों पर शक़ नहीं करते, हमें यकीन हैं सब झूठ बोल रहे हैं।
मुझे इसी बात का गम था।उसे छोड़कर,उसकी हर बात में दम था। -
मुझे इसी बात का गम था।उसे छोड़कर,उसकी हर बात में दम था।
लोग भी कमाल करते हैंबात छुपाकर।बुरे भी नहीं होते,और बुरा भी कह जाते हैं मज़ाक बताकर। -
लोग भी कमाल करते हैंबात छुपाकर।बुरे भी नहीं होते,और बुरा भी कह जाते हैं मज़ाक बताकर।