कभी लगती है दादी अम्मा तो कभी डांटती जैसे हो मेरी मम्मा कभी गुस्सा हो तो रूठ जाती तो कभी प्यार से पास बुलाती कभी तप तप आँसू बहाती तो कभी मंद ही मंद मुस्काती दिल की बड़ी ही नेक है सच कहूँ तो मेरी बहना लाखों मे एक है
🙂UNDERSTANDING 🙂 माँ बाप..क्यों नहीं देखते..,बेटी के "जज्बात" को.. उनको...क्या "आँशू" नहीं दिखते..बहती..,आधी रात को.. जब बेटी को "बोझ" ही उन्होंने समझ लिया.. तो.. और क्या ही बोलू जाने दो इस बात को..!!
🙃ÑÅŘÅŽĜÏ🙃 वफ़ा का दरिया.. कभी रुकता नही, "मोहब्बत" में प्रेमी.. कभी झुकता नही, किसी की 'खुशियों' के खातिर..चुप है, पर तू ये न समझना.. की मुझे दुःखता नही..!
🙂ŽÏʼNÐĜÏ🙂 मत पूछो ये..,की..मै तुम्हें "भुला" नहीं सकती..! तुम्हारी..'यादों' के पन्ने को..मैं "जला" नहीं सकती..!! अब..'कोशिश' यह है कि..खुद को "मारना" होगा..! और..अपने 'सुकून' की खातिर..तुम्हें "रुला" भी नहीं सकती..!!