कभी सोचा न था खवाबो मे,
की यूँ ही दो चार दिन की बातो मे,
कुछ अनजाने दोस्त यूँ दिल मे घर कर जायेंगे,
दे कर अपना हसीन साथ दिल खुशियों से भर जायेंगे,
कभी सोचा ना था....................
यहाँ गुज़रा वक़्त अब एक हसीन खुवाब लगेगा,
ऐ दोस्तों बिन तुम लोगो के वक़्त गुज़ारना भी एक
अज़ाब लगे गा,
कहने को तो एक अनजाना रिश्ता रहा और नामो से
ही बस दोस्ती रही,
मगर कही ना कही दिल का भी ताल्लुक़ है तुम लोगो
से आज बड़ी देर तक ये सोचती रही,
मेरे मासूम दिल को तुम लोगो की कमी रुलायेगी,
तुम लोगो की खट्टी मीठी यादे बहुत सताएगी,
टूटे दिल मे यादों के और ज़ख़्म भर जायेंगे,
जब मेरे कुछ अच्छे दोस्त मुझ से बिछड़ जायेंगे,
कभी सोचा ना था खवाबो मे.......
✍️رائٹس۔ناعمہ اصلاحی
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