पता नही क्यों ढूंढते है नैन मेरे, पता है जब की इंतजार में नही तुम मेरे, पता नही क्यों आते हो ख्वाब में मेरे, पता है जब की तेरे ख्वाब में ख्याल नही मेरे।
प्यार तो बहुत करती हूं पर कभी कहे ना पाती हूं, जाने अंजाने में दिल भी दुखाती हूं, आपसे दूर जाने से डरती हूं, बाद में मेरी इतनी याद ना आए, इसलिए ना जताती हूं, कुछ कह नही पाती बस इसलिए इन फीलिंग्स को पन्नो में उतर देती हूं, प्यार तो बहुत करती हूं पर कभी कहे नही पाती हूं।